मेघ भरे आसमान के नीचे
हमे प्यार की चुटकी से निकालो
हम बीजडे है
धान के
हाथ को
जरा सा हवा मे लहराओ
और रोप दो कही भी
जीवन में
बारिश के बाद
लोक गीतों की लय पर
लोट पोट हुई मिट्टी
सिर्फ हमारा इन्तजार करती है..
हमे आलिंगन में जकड़ेगी
खड़ा करेगी
और महज दो दिन मे
चलना सीखा देगी नमी
हवा
हाथ फेरेगी हमारे जुल्फो में
हमे पालने में झुलाएगी
रोज आकर बतियाएगी हमसे
सूरज और चांद की किरणे
देखते देखते
जवान हो जाऐगे हम
कंछा फेकेगे
मुट्ठियो में नहीं समाएगे
जब मुड़ेगे फलियो की ओर
घूप भरे आसमान के नीचे
हमे प्यार की चुटकी से निकालो
और रोप दो कही भी
जीवन मे
हम बीजडे है
गांव के।
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